Wednesday, July 3, 2013

कठिनाई लेखन की

''कवि तो भूखा मरता है, उसे कुछ नही मिलता ,अपना ध्यान काम पर लगाओ ,यूँ शेर-ओ-शायरी करने से जीवन का गुजारा नही चलता ''ये शब्द किसी ने मुझसे कहे है, अब मैं उन सज्जन को किया कहूँ , बस मैंने इतना ही कहा कि मुझे लिखने से आत्मिक शांति मिलती है,मुझे समझ नही आता उन्होंने ऐसा क्यूँ कहाँ ????????? मैं अपने यहाँ आये मरीजो को ये तो नही कहता कि मैं लिख रहा हूँ आप कही और दिखा ले,जब भी खाली समय मिलता हैं उसमे लिख लेता हूँ , और ये अकेले इन सज्जन का ही कहना नही है,बहुत लम्बी फेहरिस्त  है ऐसा कहने वालो की,लेकिन मैं भी बड़ा स्पष्ट जवाब देता हूँ,''जब तक जान है कलम तब तक चलती रहेगी,,'' शुरू - शुरू में तो मुझे बहुत गुस्सा आता था,अब उनकी बातो पर हसी आती है,दुनिया ही निराली है, अगर किसी का होंसला नही बढ़ा सकते तो कम से कम नकारात्मक बाते भी न कहे,,,,,


ना डिगा  सकेंगे वो होंसला हमारा 

हम तो बहुत मुददत से बात जमाये बैठे है ,,,,,


वो खुद को हमारा तथाकथित हमदर्द कहते है,हमारे भले के लिए वो ये सब कहते है,समाज की सोच , विचारधारा ,धारणा को बदलने की ताक़त कलम में होती है, हम वो लिखते है जो समाज में हो रहा है,उसे दर्द ,वेदना, हास्य ,व्यंग्य ,कहानी आदि अनेको रूप में  ढालकर समाज के सामने रखते है, बहुत लोग समझते है की हमारे साथ कुछ ऐसा हुआ है, जो हम ये सब लिख रहे है, कभी - कभी ऐसा होता है की हम वो लिखते है, जो हमारे साथ हुआ है,लेकिन बिना कुछ हुए भी हम अपने चारो ओर जो हो रहा है,उसे महसूस करके शब्दों का रूप दे देते है,

                        मेरा दर्द मुझ सा जाने ,

              ज़माने में नही उसको नापने के पैमाने,,,,,

लो अभी एक सवाल और आ गया , मेरा बेटा मेरे पास आया और पूछा की पापा आप किया कर रहे हो , मैं मुस्कराया , इससे पहले मैं कुछ बोलता , जवाब भी उसने खुद दे दिया कि आप कविता लिख रहे हो, कह कर चला गया,उन सज्जन लोगो से तो समझदार ये ही है कि मैं लिख रहा हूँ तो अभी कुछ देर वो मेरे पास नही आयेगा  और न ही कोई और सवाल पूछेगा ,,,,मैं बस इतना कहता हूँ की जिन्होंने अभी लेखन की शुरुआत की है ( मैं भी उनमे से एक हूँ,) आप सभी किसी की परवाह किये बिना ''बस लिखते रहे' क्योंकि अगर आपने लिखना बंद कर दिया तो, उन सज्जन लोगो का अगला व्यंग्यपूर्ण सवाल ये होगा कि ,,'''भूत उतर गया कवि बनने का '''

                              बस इतना ही कहता हूँ अपनी कलम के साथ चिपके रहे,कुछ पंक्तियों के साथ अपनी बात को खत्म करता हूँ, आप सभी की लेखनियो को हार्दिक शुभकामनाये ,


                            दुनिया नही ये बेदर्द जमाना है,

                         टोक लगाने का काम इनका पुराना है,

                          अरे ये किया समझेंगे हमें कभी ,

                            इनका तो ये दस्तूर पुराना है,       

                    

  

12 comments:



  1. दुनिया नही ये बेदर्द जमाना है,
    टोक लगाने का काम इनका पुराना है,
    अरे ये किया समझेंगे हमें कभी ,
    इनका तो ये दस्तूर पुराना है,-------

    वाकई कवि अपना सृजन भूखे रहकर ही करता अब भूख चाहे जैसी हो
    जीवन के सच को बहुत सार्थकता से उकेरा है
    बधाई

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्ल्लित हों
    जीवन बचा हुआ है अभी---------

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    1. दुनिया नही ये बेदर्द जमाना है,
      टोक लगाने का काम इनका पुराना है,
      अरे ये किया समझेंगे हमें कभी ,
      इनका तो ये दस्तूर पुराना है,
      sahi kaha aapne kalam ki bhookh aur kalam ke nishan ek din rasta bana hi lete hai . sarthak .shubhkamnaye aapko

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  2. कलम बंद न करें .. कमेन्ट और लोगों की परवाह करें ,कोई न पढ़े तब भी लिखते रहना !! जब दिल करे तब लिखे अवश्य !!
    बस बेमन न लिखें !!
    एक दिन मज़बूत लेखनी, अपने निशाँ छोड़ने में कामयाब अवश्य होगी !
    मंगल कामनाएं !

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  3. अपना लेखन जारी रखें.. किसी की बात की तरफ ध्यान न दें.. शुभकामना !!

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  4. ना डिगा सकेंगे वो होंसला हमारा
    हम तो बहुत मुददत से बात जमाये बैठे है ,,,,सही कहा,,कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना..बस यूँ ही लिखते रहे..शुभकामनाएं

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  5. डॉ साहब सही कहा आपने कुछ लोग समाज के लिए लिखते हैं और कुछ आत्मिक शांति के लिए ..मुझे समझ नहीं आता इस में लोगो को क्या दिक्कत है ...खैर आपने इस पोस्ट से उन जैसे सभी लोगो को अच्छा जवाब दे दिया और ऐसे लोग जो ऐसे नकारात्मक कमेंट सुनकर लिखना बंद कर देते हैं उनके सामने भी अच्छा उदाहरण रखा .... आपकी कलम यूँ ही चलती रहे ..शुभकामनायें :-)

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  6. लिखना किसी चीज की जरूरत नहीं है .....लिखने से मन को ही नहीं रूह को भी सुकून मिलता है
    ये हर किसी के बस की बात तो नहीं ......आप लिखते रहिये

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  7. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ,मेरा होसला बढाया , अब मैं रुकुंगा नही,बस लिखता ही रहूँगा, बढ़ता ही रहूँगा, आप सब का स्नेह ऐसे ही मिलता रहेगा इस उम्मीद के साथ मैं बढ़ता रहूँगा, आभार

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  8. likhte rahe.....logo ka kaam hae kahna

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  9. कलम यूँ ही चलती रहे आप लिखते रहिये

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  10. .बस यूँ ही लिखते रहे..शुभकामनाएं

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