Sunday, April 21, 2013

वो पुरानी खिड़की

वो पुरानी खिड़की आज भी है,

जिसको देखा करते थे सरेशाम ,

लेकिन आज वहाँ तन्हाई है,

जहाँ कल प्यारा सा मुखड़ा होता था,

अब तो उस गली से गुजरना भी नागवारा है,

उसकी यादों का आज भी दिल में बसेरा है,

 ना जाने कियो वो हमें ,

जिन्दगी ए मझदार में अकेला छोड़ गये ,

 वो पुरानी खिड़की आज भी है,

जिसको देखा करते थे सरेशाम ,

जिसकी यादों में जागते थे रात भर ,

अब उसकी यादों में रोते है रात भर ,

मुकम्मल की थी जिसने जिन्दगी हमारी,

अब वो ही अधूरा छोड़ कर चले गये ,

जिन्दगी तो उनके साथ चली गयी,

अब तो बस इंतजार अलविदा कहने का है,

अब और किया कहू ,

कुछ न बाकी रहा ,

 वो पुरानी खिड़की आज भी है,

जिसको देखा करते थे सरेशाम ...........................



Thursday, April 18, 2013

बिना सोचे समझे मत काम करो,

गलत राह पर चलकर मत जीवन का अपमान करो,

करना है तो दिल से काम करो,

माता पिता का सम्मान करो,

जो मिला है उसका मान करो,

चले हो जिस राह पर वहाँ अपना नाम करो,

बिना सोचे समझे मत काम करो।।।

लड़ झगड़ कर मत जीवन बर्बाद करो ,

हँस बोलकर सबको प्यार करो,

रोकर आंसुओ को मत बर्बाद करो,

ख़ुशी में इनको आँखों से आजाद करो,

बिना सोचे समझे मत काम करो।।।


  

Wednesday, April 17, 2013

मेरी हर साँस में तुम हो,

मेरी दुनिया का रंग तुम हो,

दिल नसीन तुम हो, 

फिर बेवफाई की बात ही कहा,

सुकून ए दिल तुम से है,

जान से भी प्यारे हो तुम,

इकरार तो हमेशा से था,

इंकार की बात ही कहा थी,

रंग जो जुदाई का था,

अब करीबी में ढल गया है,

लफ्जों से बयां नही होता , 

आँखे बयाँ करती है फ़साना प्यार का,

सहेज कर रखा है दिल में,

बीते लम्हों का फ़साना ,

 मेरी हर साँस में तुम हो,

मेरी दुनिया का रंग तुम हो,

Thursday, April 11, 2013

चाहा तो बहुत था उनको ,

लेकिन वो समझ ना पाये ,

गुस्ताखी शायद हमसे हुई ,

और वो हमारा अंदाज ए बयाँ ना समझ पाये ,,,

Saturday, April 6, 2013

 गफलत थी कुछ ऐसी की,

 अपना नाम ए निशान मिटा बैठे ,

न जाने कब रेत पर उनकी ,

धुन्द्ली सी तस्वीर बना बैठे ,,,,,,,,,,,,,,,