Monday, March 25, 2013

जिन्दगी

और किया कहू ,

अब मैं जिन्दगी को,

ये तो सिलसिला है ,

चलता रहेगा ,

 मुझ जैसे तो बहुत आये ,

और आते रहेंगे ,

न रुका  कभी ,

किसी के आने से ,

 न रुका  कभी ,

किसी के जाने से ,

बाकि बचता है ,

तो बस वो है यादें ,

कुछ अच्छी सी ,

कुछ बुरी सी ,

आओ मिलकर करे ,

कुछ ऐसा जिन्दगी मैं ,

जो याद करे लोग ,

हमें जाने के बाद भी ,

और किया कहु ,

अब मैं जिन्दगी को ,,,,,,,,,,,,,,,


   

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